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Showing posts from July, 2020

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस। जानिए क्यों और कब से मनाया जा रहा है

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आज 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय टाइगर (बाघ) दिवस मनाया जाता है. आज के दिन पूरे विश्व में बाघ के संरक्षण के लिए मनाया जाता है। आपको यह जान का कर बहुत खुशी होगी के दुनिया के 70% बाघ आज हमारे देश में ही रहते है। जिसमे से सबसे ज्यादा बाघ हमारे मध्य प्रदेश में पाए जाते है, हमारे प्रदेश ने पिछले कुछ सालों में बाघों को संख्या में बहुत वृद्धि की है।  वर्ष 2010 से लेके 2018 के बीच भारत में बाघों कि संख्या में लगभग 74% की वृद्धि हुए है।  बाघों की घाटी संख्या के पीछे 2010 में रूस के पिटरबर्ग में हुई अंतरराष्ट्रीय बाघ सम्मेलन में यह लक्ष्य रखा गया था कि वर्ष 2022 तक बाघों कि संख्या को दोगुना करना है इस सम्मेलन में सभी 13 बाघ रेंज देशों ने भाग लिया था जिसमे अपना देश भारत भी समिल था  और भारत के आलावा नेपाल, म्यानमार ,भूटान ,चीन , कंबोडिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, रूस, थाईलैंड, मलेशिया, वियतनाम, सामिल हुए थे और हमरा देश भी शायद दुनिया का पहला देश होगा जो इस लक्ष्य को प्राप्त करेगा। मध्य प्रदेश में इन 8 सालो में बाघों की संख्या दोगुनी हुए है और भी राज्य है जहां पे बाघो

केंद्र सरकार ने सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिये आदेश जारी कर दिया है

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केंद्र सरकार ने सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिये आदेश जारी कर दिया है. रक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल करते हुए 23 जुलाई 2020 को युद्धक इकाई के अतिरिक्त सेना के सभी क्षेत्रों में महिलाओं के स्थायी कमीशन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार के इस कदम के साथ ही सेना के शीर्ष पदों पर अब महिलाओं की तैनाती की जा सकेगी. रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) की महिला अधिकारियों को अब सेना की सभी दस शाखाओं में स्थायी कमीशन मिलेगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया था एक माह का समय सुप्रीम कोर्ट ने 07 जुलाई 2020 को केंद्र सरकार को एक माह का और समय देते हुए स्थायी कमीशन पर फरवरी का अपना फैसला लागू करने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी में कहा था कि महिलाओं को भी कमान देने पर विचार किया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही लैंगिक भेदभाव समाप्त करते हुए कहा था कि सभी महिला अधिकारी स्थायी कमीशन की हकदार हैं. लंबे समय से सेना में स्थायी कमीशन की मांग सेना में फिलहाल महिला अधिकारिय

जानिए भारतीय रेलवे को केसे ग्रीन रेलवे बनाया जाना और उसके लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने क्या कहा है और कब तक इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में भारतीय रेलवे के उल्लेखनीय प्रयासों का जिक्र करते हुये अगले दस साल के भीतर इसके ‘ग्रीन रेलवे’ बनने का दावा किया है। गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल में बताया कि 2022 तक देश में सभी ब्रॉडगेज रेल लाइन का विद्युतीकरण हो जायेगी। उन्होंने बताया कि रेला सेवा का संचालन शत प्रतिशत बिजली से करने के बाद भी सीमावर्ती इलाकों और आपात स्थिति में डीजल से चलने वाली रेल सेवा बरकरार रह जायेगी। इसमें भी डीजल की जगह बायोडीजल का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जायेगा। अतिक्रमण को हटाना हैं - इसके अलावा रेलवे अपनी खाली पड़ी जमीन पर सौर ऊर्जा संयत्र लगा रहा है। इससे अतिक्रमण की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी और ऊर्जा जरूरत की पूर्ति में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ेगा। गोयल ने कहा, ‘‘इन सभी प्रयासों के बलबूते मैं यह महत्वपूर्ण घोषणा कर सकता हूं कि दस साल के भीतर भारतीय रेलवे दुनिया की पहली शत प्रतिशत ‘ग्रीन रेलवे’ हो जायेगी।’’ किराया नहीं बढ़ेगा- गोयल ने एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में बजट में डीजल पर लगाये गये उपकर के कारण

चीन के साथ हाथ मिला कर ईरान ने भारत को चाबहार रेल परियोजना से बाहर किया. अब देखते है ईरान ने हाल ही में भारत को बड़ा झटका देते हुए चाबहार रेल परियोजना से बाहर क्यों किया.

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ईरान ने हाल ही में भारत को बड़ा झटका देते हुए चाबहार रेल परियोजना से बाहर कर दिया है. ईरान ने घोषणा किया है कि वह अब अकेले ही इस परियोजना को पूरा करेगा. भारत के लिए ईरान का यह फैसला सामरिक और रणनीतिक तौर पर बड़ा झटका माना जा रहा है. गौरतलब है कि ईरान और चीन के बीच 400 बिलियन डॉलर की एक महाडील होने वाली है. माना जा रहा है कि इस डील के चलते ही ईरान ने चाबहार परियोजना से भारत को बाहर कर दिया है. ये रेल परियोजना चाबहार पोर्ट से जहेदान के बीच बनाई जानी है. क्या है कारण? ईरान ने भारत द्वारा प्रोजेक्ट की फंडिंग में देरी किए जाने को इसकी वजह बताया है. ईरान ने आरोप लगाया है कि समझौते के चार साल बीत जाने के बाद भी भारत इस परियोजना के लिए फंड नहीं दे रहा है. ऐसे में अब वह खुद ही इस परियोजना को पूरा करेगा. चीन से समझौता होने के बाद ईरान के मूलभूत ढांचे से जुड़े प्रोजेक्ट्स बीजिंग ही पूरे करेगा. क्या है चाबहार रेल परियोजना? इस परियोजना के तहत ईरान के चाबहार पोर्ट से लेकर जहेदान इलाके तक रेल परियोजना बनायी जानी है. इस रेल परियोजना को अफगानिस्तान के जरांज सीमा तक बढ़ाए जाने की

विश्व जनसंख्या दिवस.जानिए कब से और क्यों मनाया जाता है ये दिवस और इससे जानना क्यों जरूरी है?

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विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) प्रत्येक साल 11 जुलाई को मनाया जाता है. विश्वभर में विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को जनसंख्या के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन को मानाने का उद्देश्य बढ़ती जनसंख्या को रोकने और इसके प्रति लोगों को जागरूक करना होता है. विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करके लोगों को परिवार नियोजन, मातृ स्वास्थ्य, लिंग समानता, गरीबी और मानव अधिकारों के प्रति जागरुक किया जाता है. इस दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होता है जिनमें जनसंख्या वृद्धि की वजह से होने वाले खतरे के प्रति लोगों को आगाह किया जाता है. जनसंख्या वृद्धि एक गंभीर विषय बढ़ती जनसंख्या विश्व के कई देशों के सामने बड़ी समस्या का रूप ले चुकी है. खासकर विकासशील देशों में जनसंख्या विस्फोट एक गंभीर चिंता का विषय है. इस दिन लोगों को परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, मानवाधिकार और मातृत्व स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी जाती है. जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ समस्याएं भी बढ़ती जा रही हैं. विकासशील देशों में यह गहरी चिंता का विषय बनता जा रहा है. इसको नियंत्रित करने हे

मध्यप्रदेश के रीवा जिले में एशिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है जानिए प्रदेश को इससे क्या क्या फायदा होना हैं?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 जुलाई 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश के रीवा में स्थापित 750 मेगावाट की सौर परियोजना राष्ट्र को समर्पित की है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई अन्य मंत्रियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया है. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 'रीवा ने वाकई इतिहास रच दिया है. मध्यप्रदेश के रीवा जिले में एशिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 750 मेगावाट के अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया. इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को, उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही, दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा. रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व कई केंद्रीय मंत्री भी इस इवेंट में शामिल हुए. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के सामर्थ्य पर विश्वास जताया और कहा कि यह विश्व की सुरक्षा का नींव है जो रीवा में रखा गया है क्योंकि पर्यावरण की स्वच्छता मे

रेलवे का निजीकरण किस प्रकार होगा? चलो देखते है इससे लोगो को क्या क्या फायदा और क्या क्या नुकसान होगा?

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भारतीय रेलवे (IR) भारत की राष्ट्रीय रेलवे प्रणाली है जो रेल मंत्रालय द्वारा संचालित है. भारतीय रेलवे को केंद्र सरकार, सार्वजानिक कल्याण को बढ़ाने के लिए चलाती है ना कि  लाभ कमाने के उद्येश्य के रूप में.   भारतीय रेलवे, मार्च 2019 तक 67,415 किमी के मार्ग की लंबाई के साथ आकार में दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क का प्रबंधन करता है. सरकार के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय रेलवे को अगले 12 वर्षों के लिए 50 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी. जबकि सरकार के पास इतना रूपया केवल इस सेक्टर पर खर्च करने के लिए नहीं है. भारत में रेल का चलना अंग्रेजों की देन है और दुनिया की सबसे बड़ी रेल सेवाओं में से एक भारतीय रेलवे 1853 में अपनी स्थापना के समय से सरकार के हाथों में रही है. लेकिन अब सरकार इसमें निजी क्षेत्र को भी शामिल कर रही है. आइये इस लेख में इसके फायदे और नुकसान के बारे में बात करते हैं; रेलवे का निजीकरण किस प्रकार होगा? वर्तमान में देश में 13 हजार ट्रेनें चल रहीं हैं और डिमांड और सप्लाई के बीच समानता लाने  करने के लिए 7 हजार ट्रेनें और चलायीं जायेंगीं. वर्तमान में इस ट्रेनों का रेगुलेशन और मैनेजमें

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन साल 2036 तक अपने पद पर बने रह सकते हैं

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन साल 2036 तक अपने पद पर बने रह सकते हैं. ऐसा इसलिए कि रूस की जनता ने संविधान संशोधन के लिए कराए गए जनमत संग्रह में पुतिन की दावेदारी का समर्थन किया है. कोरोना संकट और विरोध के बीच सात दिनों तक चला यह जनमत संग्रह 01 जुलाई 2020 को समाप्त हुआ.  99.9 प्रतिशत मतपत्रों की गिनती के बाद 02 जुलाई 2020 को प्रकाशित आधिकारिक परिणाम घोषित किए गए. रूस की सत्ता में पछले दो दशकों से अधिक समय से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री रहने वाले पुतिन का यह कार्यकाल 2024 में खत्म होगा. केंद्रीय चुनाव आयोग ने कहा कि 77.9 प्रतिशत मत संविधान संशोधन के समर्थन में पड़े. सात दिनों तक वोटिंग प्रक्रिया चली जनमतसंग्रह के दौरान रूस के लोगों ने पुतिन को राष्ट्रपति के दो कार्यकाल की इजाजत देने के अलावा कई अन्य संशोधनों के लिए भी वोटिंग की. इसमें गारंटी पेंशन और समलैंगिक विवाह पर प्रतिबंध जैसे मुद्दे शामिल हैं. कोरोना वायरस के कारण सात दिनों तक वोटिंग प्रक्रिया चली. संसद और संवैधानिक न्यायालय से पहले ही यह संवैधानिक बदलाव को अनुमति मिल चुकी है. पहले यह मतदान 22 मई 2020 को होना था, लेक