देश की नई शिक्षा नीति कैसी है। बच्चे कैसे पढेगे क्या आधार होगा। छात्र अपने लिए और माता पिता अपने बच्चों के लिए जरूर पढ़े यदि इसको नहीं पढ़ा को भविष्य में बहुत दिक्कत आएगी इसलिए इसको जरूर पढ़े।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कमेटी के अध्यक्ष - के कस्तूरीरंगन ( पूर्व प्रमुख इसरो)


इससे पहले देश में 2 शिक्षा नीति आयी है
पहली - पहली शिक्षा नीति की घोषणा 1968 में इंदिरा गांधी सरकार  द्वारा की गई थी
दूसरी - दूसरी शिक्षा नीति की घोषणा 1986 में राजीव गांधी सरकार द्वारा की गई थी तथा दूसरी शिक्षा नीति का 1992 में संशोधन भी हुआ था।
तीसरी (नई)- नई शिक्षा नीति 2020 नरेंद्र मोदी सरकार में आए।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्री मंडल द्वारा नई शिक्षा नीति को 29 जुलाई 2020 को मंजूरी मिली जिसने पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 की जगह ली या कहींये देश में 34 साल बाद नई शिक्षा नीति लागू की गई जिसमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर अब शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है इस प्रकार देश के पहले शिक्षा मंत्रालय के प्रमुख रमेश अब रमेश पोखरियाल निशंक जी हैं
चलिए देखते हैं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की क्या-क्या विशेषताएं हैं

@- 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% सकल नामांकन अनुपात प्राप्त करना।
@- नवीन शिक्षक केंद्रों की स्थापना कर  शिक्षा से दूर रहे दो करोड़ बच्चों को दोबारा शिक्षा से जुड़ा जाना।
@-स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव 


पहले स्कूली पाठ्यक्रम (10+2) के प्रारूप में हुआ करता था लेकिन अब इस को बदल दिया गया है अब नया पाठ्यक्रम (5+3+3+4) के प्रारूप में होगा                      5=3 से 8 साल के बच्चों के लिए
          3= 8 से 11 साल के बच्चों के लिए
          3= 11 से 14 साल के बच्चों के लिए
          4= 14 से 18 साल के बच्चों के लिए होगा
फाउंडेशन स्टेज - 3 से 8 साल के बच्चों के लिए 
   # आंगनबाड़ी या प्री स्कूल में 3 वर्ष
   # अगले 2 वर्ष स्कूल में पहली और दूसरी कक्षा
प्रिपेटरी स्टेज - 8 से 11 साल के बच्चों के लिए
   #  कक्षा 3 से 5 तक शिक्षा लेंगे
मिडिल स्टेज - 11 से 14 साल के बच्चों के लिए
   # कक्षा 6 से 8 तक शिक्षा लेंगे
सेकंडरी स्टेज - 14 से 18 साल के बच्चों के लिए
   # कक्षा 9 से 12वीं तक शिक्षा लेंगे
@ अंडर ग्रेजुएशन शिक्षा का कोर्स 3 वर्ष की जगह 4 वर्ष का होगा आइए जानते हैं कैसे
# पहले वर्ष की पढ़ाई पूरी करने पर सर्टिफिकेट मिलेगा
# दूसरी वर्ष की पढ़ाई पूरी करने पर डिप्लोमा मिलेगा
# तीसरे वर्ष की पढ़ाई पूरी करने पर बैचलर डिग्री मिलेगी
# चौथे वर्ष की पढ़ाई पूरी करने पर शोध के साथ बैचलर डिग्री मिलेगी
@ एम फिल को समाप्त कर दिया गया है अब बिना एमफिल के पीएचडी कर सकेंगे
@ राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण संस्था एनसीईआरटी द्वारा 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा विकसित होगा
@ भारतीय उच्च शिक्षा आयोग का गठन होगा
@ शोध को बढ़ावा देने के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना होगी
@ प्रोढ़ शिक्षा 2030 तक 100% का लक्ष्य
@ शिक्षा के क्षेत्र में जीडीपी का 6% तक निवेश होगी जो वर्तमान में यह 4.43% है
@ नई शिक्षा नीति में कक्षा पांचवी तक अंग्रेजी भाषा को खत्म कर दिया गया है पांचवी कक्षा तक मातृभाषा स्थानीय भाषा और क्षेत्र भाषा में शिक्षा दी जाएगी।

नोट - सकल नामांकन अनुपात (GER)
[GER- Gross enrolment ratio]  इसका मतलब है प्रदेश अथवा देश में स्कूली उम्र के कुल बच्चों और स्कूल में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या का अनुपात। 

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