जानिए गांधी जी को मारने कि साजिश किसने रची और कैसे इसको अंजाम दिया गया।
2 मई वैसे तो कुछ खास नहीं है लेकिन आज का दिन भारतीय इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण है क्यों कि आज के दिन ही महात्मा गांधी की हत्या करने बालो के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई थी चलिए जानते है केसे बापू की हत्या हुई और दोषियों की केसे सजा हुई
दिन था 30 जनवरी 1948 का गांधी जी हमेशा की तरह शाम को प्रार्थना करने के लिए मंदिर जाए करते थे और 30 जनवरी की शाम को भी यही हुए गांधी जी दर्शन कर के एक जगह खड़े हो कर बाते कर रहे थे वहीं पे पीछे से एक व्यक्ति आ कर गांधी जी के पैर छुए और फिर और फिर सीधे बंदूक निकल कर 3 गोली मर दी गांधी जी की तत्काल वहीं पर मौत हो गई और गोली मारने वाला शख्स नाथूराम गॉडसे था
नाथूराम गोडसे को गिरफ्तार कर लिया गया मामले की जांच की गई जिसमें बंदूक से लेकर मंदिर तक आने में गोडसे की मदद की सभी 8 लोगो को गिरफ्तार किया गया।
ये 8 लोग मैं थे नाथूराम गोडसे,नारायण आप्टे, गोपाल गोडसे, विष्णु करकरे, मदनलाल पाहवा, शंकर किस्तैया, दत्तात्रय परचुरे और वीर विनायक सावरकर।
इस मामले पाए पहली सुनवाई लाल किले में बने ट्रायल कोर्ट में 10 फरवरी 1949 को हुई जिसमें नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की सजा दी गई बाकी लोगो को अलग अलग सजा दी गई और कुछ को बरी कर दिया गया।
बाद में 2 मई को पंजाब हाईकोर्ट में फिर सुनवाई शुरू की गई किसका फैसला 50 दिन बाद 21 जून 1949 को आया और सब की सजा को बरकरार रखा गया और 15 नवंबर 1949 को नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे और फसी होनी थी लेकिन इनके घर बालो ने तत्कालीन गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी के पास दया याचिका लगाई 5 नवंबर को लेकिन उसको 7 नवंबर को खारिज कर दिया गया और 15 नवम्बर को दोनों को फांसी हुई
आखिर कौन थे नारायण आप्टे -। आप्टे जी वहीं इंसान है जिन्होंने गांधी जी की हत्या करने साजिश रची और उसको अंजाम दिया ।
नाथूराम गोडसे जी ने तो बस नारायण आप्टे के कहने पर गोली चलाई थी।
नोट - जस्टिस जी डी खोसला वहीं जज है जिन्होंने इस पूरी वारदात के लिए सब को सजा दी।
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