पीएम स्वनिधि योजना

भारत के इतिहास में, यह पहली बार हुआ है कि शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों के स्ट्रीट वेंडर या आस-पास सड़क पर माल बेचने वाले विक्रेता शहरी आजीविका कार्यक्रम के लाभार्थी बन गए हैं.
योजना के पीछे तर्क यह है कि सड़क विक्रेताओं को कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करना. जैसा कि हम जानते हैं कि स्ट्रीट वेंडर आमतौर पर छोटी पूंजी आधार के साथ काम करते हैं, जो लॉकडाउन अवधि के दौरान खपत हो गई होगी. तो यह  योजना उनकी आजीविका फिर से शुरू करने के लिए सहायक होगी.

शहरवासियों के घर-द्वार पर सस्ती दरों पर सामान और सेवाएं उपलब्ध कराने में स्ट्रीट वेंडर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
स्ट्रीट वेंडर / हॉकर कौन हैं?

कोई भी व्यक्ति, जो किसी सड़क, फुटपाथ, इत्यादि में सामान, एक अस्थायी निर्मित संरचना या एक स्थान से दूसरे स्थान पर सामान, माल, दैनिक उपयोग के सामान या सेवाओं को अन्य लोगों को पेशकश करने का काम करता है. उनके द्वारा आपूर्ति की जाने वाली वस्तुओं में सब्जियां, फल, रेडी-टू-ईट स्ट्रीट फूड, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, कपड़ा, कारीगर उत्पाद, किताबें / स्टेशनरी इत्यादि और सेवाओं में नाई की दुकानें, कोबलर्स, पान की दुकानें, कपड़े धोने की सेवाएं इत्यादि शामिल हैं.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग किन्हें कहा जाता है?

पीएम स्वनिधि योजना का उद्देश्य क्या है?

- ब्याज की रियायती दर पर 10,000 रुपये तक का कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करना.

- ऋण की नियमित भुक्तान को प्रोत्साहित करना.

- इसके अलावा, डिजिटल लेनदेन को पुरस्कृत करना.

- इस योजना के ज़रिये रेहड़ी पटरी वालो को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना और साथ ही लोगो की स्थिति में सुधार करना.

योजना के लाभार्थी हैं:

इस योजना से 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स, हॉकर, ठेले वाले, रेहड़ी वाले, ठेली फलवाले इत्यादि को लाभान्वित करने की संभावना है, जो शहरी क्षेत्रों में 24 मार्च या उससे पहले वेंडिंग कर चुके थे. लाभार्थियों के रूप में, आसपास के शहरी या ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित स्ट्रीट वेंडर भी पहली बार शहरी आजीविका कार्यक्रम के तहत शामिल हैं.

पीएम स्वनिधि योजना की मुख्य विशेषताएं

- 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी ऋण का लाभ स्ट्रीट वेंडर उठा सकते हैं.

- वे ऋण मासिक किस्तों में एक वर्ष के कार्यकाल में चुका सकते हैं.

- ऋण की समय पर/जल्दी चुकौती करने पर 7% प्रति वर्ष की दर से ब्याज सब्सिडी लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से छह मासिक आधार पर जमा की जाएगी.

- जो भी ऋण को समय से पहले चुकाएगा उस पर कोई पेनल्टी नहीं ली जाएगी.

- डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करना. यह योजना स्ट्रीट वेंडर को मासिक नकद वापसी के जरिये डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करेगी.

- पहले ऋण की समय पर अदायगी पर उच्च ऋण पात्रता होगी. यदि स्ट्रीट वेंडर समय पर किश्तों को चुकाता है या पहले विश्वसनीय क्रेडिट स्कोर विकसित करेगा तो वह 20,000 रुपये जैसे टर्म लोन की अधिक राशि के लिए पात्र होगा.
पीएम स्वनिधि योजना की अवधि 

योजना की अवधि मार्च 2022 तक है.

आर्थिक पैकेज क्या होता है और क्यों दिया जाता है?

इस योजना के तहत ऋण देने वाली संस्थाएँ हैं:

योजना के कार्यान्वयन में, शहरी स्थानीय निकाय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इस योजना के तहत ऋण देने वाले संस्थान अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, NBFC, माइक्रो वित्त संस्थान और स्वयं सहायता समूह बैंक हैं.

शहरी स्थानीय निकायों (ULB) की भूमिका क्या है?

जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है, शहरी स्थानीय निकाएं (ULB) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे जैसे लाभार्थी को लक्षित करना और कुशल तरीके से उन तक पहुंच को सुनिश्चित करना.

सशक्तिकरण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग:

- प्रभावी प्रौद्योगिकी का सरकार का दृष्टिकोण प्रभावी वितरण और पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है. और इसके लिए इस योजना को एंड-टू-एंड समाधान के साथ वेब पोर्टल / मोबाइल ऐप के साथ एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया जा रहा है.

- यह आईटी प्लेटफॉर्म वेंडर्स को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में समाहित करने में भी मदद करेगा.

- यह प्लेटफ़ॉर्म क्रेडिट प्रबंधन के लिए सिडबी के उद्यमी मित्र पोर्टल और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के पैसा पोर्टल के साथ एकीकृत करेगा ताकि ब्याज सब्सिडी को स्वचालित रूप से नियंत्रित किया जा सके.

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